शनिवार, 15 जून 2013

जो लिखना है वो लिखने दे

जो लिखना है वो लिखने दे 
जो दिखता है वो दिखने दे ||

मुहोबत्त बेवफा तेरी 
मुझे अब स्वाद चखने दे ||

कहा तुमने मुझे पागल 
तुम्हे लगता तो बकने दे ||

तुम्हारी बेवफाई का 
मुझे सच आज रखने दे ||

तुम्हारी याद जालिम हैं 
मुझे ये जुर्म सहने दे ||

अकेला मै अकेली तुम 
रहना है तो रहने दे ||

तेरे आंसू मेरे आंसू 
बहते हैं तो बहने दे ||

ये कैसा प्यार था हम में 
मुझे कहना है कहने दे ||

जुदाई है जहर दिल का 
मुझे तू आज मरने दे ||

जिए तू जिंदगी अपनी 
दुआ मेरी तू लगने दे ||

तुम्हे गर जिंदगी दे दूं 
खुदाया आज मरने दे ||

गुनाह -ए-इश्क करना है 
मुझे इक बार करने दे ||...........मनोज

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